Luffa Echinata Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi
Luffa Echinata Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi.
लूफा एचिनाटा ( Luffa Echinata Q )
विभिन्न नाम-हि. देवदाली घघरवेल व विदाल घोषालना म देवहागरी, गु कुकड़वेल ते पनिविर, क देवडगर अं. Brisily Luffa (ब्रिस्टलि लूफा)।
यह सिन्ध, गुजरात बिहार देहरादून उत्तरी अवध बुन्देलखण्ड उत्तर प्रदेश और बंगाल आदि में अधिकता से पायी जाती है। इसका मूल अर्क स्वभाव से उष्ण, स्वाद कडवा मूत्र लाने वाले गुण से युक्त घाव को शोधन करने वाला एवं घाव को भरने वाला है। इसका मुख्य प्रयोग कामता (Jaundice), जलोदर, हिक्का खाँसी श्वास (दमा) कृमि यकृत, प्लीहा वृद्धि एवं आन्त्रशूल आदि में होता है। कामला में इसके मदर टिक्चर्ज का सेवन सट्टे दही पानी के साथ प्रतिदिन 3 बार कराये यकृत प्लीहा की वृद्धि चाहे बच्चों को हो या वयस्कों का यह समान रूप से लाभदायी है। यदि इस कारण जलोदर (Ascitis) का भी रोग हो तो इसी के प्रयोग से रोग समूल नष्ट हो जाता है। इसके मूल अर्क (Q) के जलीय घोल से व्रण को धोकर पट्टी बाँध तो घाव (व्रण) शीघ्र ठीक हो जायेगा। सीने में कफ जमा हो तो इसके सेवन से कफ निकल जाता है। अतः कफ निकालने के लिये इसे अन्य कफनिस्सारक औषधि के साथ या अकेले स्वतन्त्र रूप से सेवन कराने से लाभ होता है। चूहे के विष में मूल अर्क को दही में मिलाकर खिलाये या दही के पानी में मिलाकर दें।
नोट- यह औषधि अधिक मात्रा में सेवन न कराये अन्यया हैजे की तरह वमन और दस्त होंगे या गर्भ नष्ट होने की संभावना होगी। मात्रा- 3 से 10 बूंदे घोड़े पानी में मिलाकर प्रतिदिन 2-3 बार।