Rheumatic fever Symptoms and Causes : रूमैटिक बुखार के कारण, लक्षण
Rheumatic fever Symptoms and Causes : रूमैटिक बुखार के कारण, लक्षण
रूमैटिक बुखार क्या है ?- What is rheumatic fever ?
रूमैटिक बुखार को rheumatic heart disease भी कहते हैं। रूमैटिक बुखार अधिकतर बच्चों में होता है। यह बुखार जोड़ों में दर्द के साथ शुरू होता है और जोड़ों पर सूजन आ जाती है। रूमेटिक बुखार में जोड़ो पर अचानक अकड़न होने लगती है। रोगी को बुखार के साथ पसीना भी आ सकता है अधिकांश मामलों में Carditis पाए जाते हैं।
रूमैटिक बुखार का सीधा प्रभाव हृदय पर पड़ता है। जिस कारण रोगी को हृदय संबंधी परेशानी भी होने लगती हैं। रूमैटिक बुखार 5 से 15 वर्ष के बच्चों को 90% होने की संभावना रहती है। बुखार जाड़े के साथ शुरू होता है और खासकर बड़े जोड़ो पर सूजन आ जाती है और जोड़ों में अत्यधिक दर्द होने लगता है।
रूमैटिक बुखार के कारण :
बच्चों के गले में सूजन आ जाने के कारण यह रोग हो सकता है।
बच्चों के टॉन्सिल बढ़ जाने पर इसका प्रभाव पड़ता है।
यह बुखार निर्धन परिवार के बच्चों को देखने को अधिक मिलता है जहां जीवन स्तर निम्न होता है।
अगर बच्चों में विटामिन सी की कमी आ जाए तो रूमेटिक बुखार हो सकता है।
पायरिया, कान का बहना रूमेटिक बुखार के कारण हो सकते हैं।
पानी में भींगे रहने से भी रूमेटिक बुखार हो जाता है।
जो गीली भूमि पर सोते हैं उन्हें भी यह बुखार हो सकता है।
गीले कपड़े पहनते हैं उन्हें भी रूमेटिक बुखार होने की पूरी संभावना रहती है।
रूमैटिक बुखार के लक्षण : symptom of rheumatic fever :
अचानक बुखार शुरू हो जाता है।
जोड़ों में सूजन आ जाती है।
जोड़ों में सूजन के साथ दर्द होता है।
जोड़ों में दर्द के साथ रोगी को अत्यधिक पसीना आ सकता है।
रोगी दर्द के कारण बेचैन रहता है।
नब्ज तेज चलती है।
कभी-कभी रूमेटिक बुखार धीरे-धीरे भी आ सकता है।
रूमैटिक बुखार में शरीर के बड़े जोड़ अधिक प्रभावित होते हैं।
शुरू में शरीर में थकावट रहती है।
शरीर के भार में कमी आ जाती है।
रूमैटिक फीवर में सूजा हुआ भाग गर्म रहता है।
सूजे हुए भाग पर लाली रहती है।
दर्द वाले भाग को छूने पर दुखन होती है।
रोगी के पेट में भी दर्द हो सकता है।
रोगी को प्लूरिसी, न्यूमोनिया आदि लक्षण हो सकते हैं।
जब यह बुखार पुराना हो जाए तो बच्चों के शरीर पर लाल चकत्ते निकल आते हैं।
बच्चों को अत्यधिक कमजोरी आ जाती है
शरीर पर काले धब्बे भी हो सकते हैं।
बीमारी के अधिक बढ़ने पर सिर दर्द, चक्कर आना और उल्टी आदि रोग हो सकते हैं।
रूमैटिक बुखार होने पर रोगी को बिस्तर पर आराम करवाना चाहिए।
पैरों के जोड़ों में दर्द होने पर रोगी का चलना मुश्किल हो जाता है।