SBL Justicia Adhatoda Q के लाभ और फायदे in hindi
SBL Justicia Adhatoda Q के लाभ और फायदे in hindi
Justicia Adhatoda Q
विभिन्न नाम: – हिन्दी-बाँसा, गुजराती-अडूशो, संस्कृत-वासा, पंजाबी-बसूंटा, भीकड़।
आयुर्वेद में इस दवा को सैकड़ों वर्षों से प्रयोग किया जा रहा है। गुणों के कारणो ही इसको वैद्य माता (चिकित्सकों की माता) कहा जाता है। संस्कृत में एक श्लोक है। जिसका अर्थ है कि जब तक संसार में बाँसा पाया जाता है तब तक फेफड़ों से रक्त आने क्षय, जुकाम खाँसी के रोगियों को निराश होने की आवश्यकता नहीं है। चरक एवं सुश्रुत ने फेफड़ों से रक्त आने, सॉस से सम्बन्ध रखने वाले अंगों के रोगों, क्षय, सख्त कष्टदायक खाँसी में बाँसा को लाभप्रद बताया गया है। चक्रदत ने धीमा ज्वर रहने कुष्ठ रोग और बच्चा आसानी से उत्पन्न होने में बाँसा को बहुत लाभकारी बताया है।
यह दवा ठण्डी है। आवाज बैठ जाना बंद हो जाना और रक्तस्त्राव को रोकने के लिए प्रभावशाली दवा है। नजला-जुकाम, खाँसी, छींके आना, काली खाँसी, ब्रोकाईटिस, न्यूमोनिया, फेफड़ों की क्षय, फेफड़ों से रक्त आना, हल्का हल्का ज्वर रहना, कै मितली, प्यास की अधिकता, भूख न लगना, कब्ज, श्वास अंगों के रोगों और कष्टों को दूर करने में बहुत गुणकारी औषधि है। काली खाँसी और सख्त कष्टदायक खाँसी और जो बहुत देर तक रहे, में बाँसा बहुत लाभप्रद सिद्ध होती है। जब फेफड़ों में बलगम भरा हो, खडखडाहट की आवाज आये परन्तु गाढ़ा होने के कारण न निकले या बहुत कठिनाई से बहुत कम मात्रा में निकले। काली खाँसी, ऐंठनयुक्त खाँसी और दमा में रोगी का सॉस रूक जाने से उसके मरने की आंशका हो, काली खाँसी में साँस कठिनाई से आने के कारण बच्चे का रंग पीला और नीला सा हो जाये, खाँसी के कारण के आ जाये, क्षय की पहली स्टेज में जब रोगी का मुँह और गला खुश्क हो, सख्त प्यास लगे, बलगम में रक्त के धब्बे हों, रोगी चिडचिडा और क्रोधी हो तथा पेट में वायु के कारण गुडगुडाहट हो ।
मात्रा- 3 से 5 बूँदें थोड़े ताजा पानी में मिलाकर दिन में चार बार पिलायें या चार टिकियाँ पानी के साथ दिन में 3-4 बार खिलायें।
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