Sepsis : ब्लड इंफेक्शन के कारण लक्षण और बचाव ! Blood infection in Hindi
ब्लड इंफेक्शन (सेप्सिस) क्या है?What is blood infection (sepsis)?
ब्लड इंफेक्शन को सेप्सिस भी कहा जाता है। यह किसी संक्रमण की वजह से होने वाली एक बेहद हानिकारक स्थिति होती है। सेप्सिस तब होता है जब संक्रमण से निपटने के लिए रक्त में खुलने वाले केमिकल पूरे शरीर में जलन और सूजन फैलाने लगते हैं। इसके चलते शरीर में कई सारे बदलाव होते हैं। यह ध्यान में रखना बहुत जरूरी होता है कि सेप्सिस एक आपात स्थिति है। खासकर जब संक्रमण तेजी से फैल रहा हो तो, तब हर पल बहुत कीमती होता है।सेप्सिस किसी को भी हो सकता है लेकिन यह वृद्ध लोगों ज्यादा होता है।
ब्लड इंफेक्शन (सेप्सिस) के कारण:- Causes of blood infection (sepsis): –
आमतौर पर प्रति रक्षा कोशिकाएं शरीर पर आक्रमण करने वाली बाहरी रोगाणु वह विषाणु से बचाव करते हैं। सेप्सिस के दौरान निम्नलिखित में से एक के कारण प्रतिरक्षा प्रणाली में खराबी हो सकती है:-
1-अंडर रिएक्शन-इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावी तरीके से काम नहीं कर पाती
2-आवर रिएक्शन-हमलावर रोगाणु वह विषाणु प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के लिए हानिकारक ट्रिगर के रूप में कार्य करता है।
सेप्सिस के लिए बैक्टीरियल संक्रमण को सबसे ज्यादा दोषी माना जाता है। सेप्सिस अन्य कई संक्रमण के परिणाम से भी हो सकता है। यह शरीर में कहीं भी हो सकता है जहां बैक्टीरिया और वायरस होते हैं।इसीलिए यह कभी-कभी किसी छिले हुए घुटने पर खरोच आने से फैल सकता है। अगर आपकी हड्डियों में संक्रमण है, तो वह सेप्सिस का कारण बन सकता है।
ब्लड इंफेक्शन (सेप्सिस) के लक्षण:-Symptoms of blood infection (sepsis): –
डॉक्टर सेप्सिस को तीन स्तरीय सिंड्रोम के रूप में देखते हैं। जिसमें पहला सेप्सिस की शुरुआती स्थिति, दूसरा गंभीर सेप्सिस और तीसरा एवं अंतिम सेप्टिक शॉक की स्थिति होती है।
सेप्सिस का परीक्षण करने के लिए कम से कम 2 लक्षण मरीज में देखने जरूरी होते हैं।
1-संक्रमण की संभावना होना यह पुष्टि होना
2-सांस लेने की दर 1 मिनट में 20 से ज्यादा होना
3-दिल की धड़कन की दर 1 मिनट में 90 से ज्यादा होना
4-शरीर का तापमान 96.8 F से नीचे या 101F से ऊपर होना
5-मानसिक स्थिति में अचानक बदलाव
6-प्लेटलेट की संख्या घटना
7-पेट में दर्द
8-दिल द्वारा असामान्य रूप से पंपिंग करना
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ब्लड इंफेक्शन (सेप्सिस) से बचाव:-Prevention of blood infection (sepsis): –
कुछ बातों का पालन कर के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। ऐसा करने से आप सेप्सिस के विकसित होने के जोखिम को कम कर सकते हैं। यदि आप संक्रमण के लक्षण महसूस करते हैं तो तुरंत मेडिकल देखभाल प्राप्त करें। क्योंकि जब सेप्सिस के उपचार की बात आती है तो हर मिनट में तो पूर्ण होता है। आप जितना जल्दी उपचार प्राप्त करवाएंगे प्रणाम उतना ही बेहतर होगा।
इसके अलावा सेप्सिस रोकथाम के लिए आप यह सरल तरीके अपना सकते हैं:-
1-टीकाकरण नियमित रूप से कराये।
2-कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए सावधानी और देखभाल जरूरी है।
3-कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के देखभाल कार्यकर्ताओं के लिए यह जरूरी है उनसे संक्रमण ग्रहण करने की जोखिम से बचा जाए और खुद को स्वच्छ रखने के लिए भी पूरा ध्यान रखना चाहिए।