Sinusitis Symptoms and Causes : साइनस के कारण, लक्षण
Sinusitis Symptoms and Causes : साइनस के कारण, लक्षण
साइनस क्या है ?
खोपड़ी के भीतर काफी मात्रा में हवा भरी होती है, क्योंकि वह खोखली हड्डियों का बना होता है ।साइनस में सूजन आ जाने को साइनोसाइटिस कहते हैं।
नाक के दोनों तरफ चार जोड़ी हवा के भरे कक्ष होते हैं जो पैरानेजल साइनस कहते हैं। गाल के हिस्से में दो ऐसे हवा से भरे कक्ष होते हैं, जीने मैक्सिलरी साइनस कहते हैं। आंखों के बीच में एथमोइडल साइनस होता है। माथे के भीतर फ्रंटल साइनस होता है। माथे के अंदर गहराई में स्फीनाइड साइनस होता है।सर्दी जुखाम होने से नाक बंद होना फिर से सरदर्द शुरू होना और सर में भारीपन महसूस होना यह सब साइनोसाइटिस के लक्षण होते हैं।
अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें –
नाक व साइनस मिलकर हमारी सांस द्वारा अंदर की थी गई हवा को साफ करने, उसे आद्रता प्रदान करने व अंदर गई हवा को तापमान को नियंत्रित करने का कार्य करते हैं। नाक में साइनस में एक खास किस्म की परत होती है, जिसमें सूंघने व चखने की क्षमता होती है।
साइनस में सूजन आ जाने को साइनोसाइटिस कहते हैं। साइनस हमारी नाक में खुलती हैं। इन पर म्यूकस की परत चढ़ी होती है। इस म्यूकस की परत में सूजन आने का परिणाम साइनोसाइटिस होता है। साइनोसाइटिस में अधिक सिर में दर्द होता है। रोगी सिर दर्द के कारण परेशान रहता है।
साइनस एक आम बीमारी :
जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है की खोपड़ी के अंदर साइनस की सूजन व संक्रमण को साइनोसाइटिस कहते हैं, एक बिगड़ा हुआ जुकाम का रूप है। साइनोसाइटिस की बीमारी जितनी पुरानी हो जाती है उसे ठीक हो ना उतना ही मुश्किल हो जाता है। आमतौर पर इस बीमारी को आसानी से पहचाना नहीं जा सकता, क्योंकि इसके लक्षण अत्यंत सामान्य होते हैं । साइनस की बीमारी में सिर दर्द, सर्दी, जुखाम, नजला, खांसी बुखार आदि हो सकते हैं।
साइनस होने के कारण:
- बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी साइनस की समस्या हो सकती है।
- साइनस होने पर नाक में अत्यधिक मांस बढ़ जाता है।
- जुखाम, नजला, खांसी अधिक समय रहने पर साइनस की बीमारी हो जाती है।
- अत्यधिक प्रदूषण के कारण भी साइनस की समस्या होती है।
- गोताखोरों को या अधिक तैरने वालों को साइनस की समस्या हो सकती है।
- घरेलू धूल से भी साइनस हो जाता है।
- तापमान में होने वाले जल्दी-जल्दी परिवर्तन के कारण भी साइनस की समस्या होती है।
- ठंडे प्रदेश में अधिक रहने वाले लोगों को साइनस की समस्या अधिक परेशान करती है।
- अत्यधिक प्रदूषण से भी साइनस की समस्या हो जाती है।
- अगर रोगी को अस्थमा की बीमारी है। उसे भी साइनस हो सकता है।
- अगर गले या नाक में कोई रुकावट हो जाए तो सांस लेने में समस्या उत्पन्न हो जाती है।
Read More.
BronchoPmeumonia Symptoms and Causes : ब्रोंकोनिमोनिया के कारण, लक्षण
Pleurisy Symptoms and Causes : प्लूरिसी के कारण, लक्षण
साइनस के लक्षण :
नाक का रंग लाल दिखाई देता है। गले में अत्यधिक दुकान के साथ बलगम आता है। गंध का ज्ञान नहीं होता है। आंखों से आंसू बहते हैं। चेहरे पर सूजन आ जाती है। रोगी की आंखों में हर समय दर्द बना रहता है। दांतों में दर्द होने लगता है। नाक से बहने वाले द्रव में कभी- कभी खून भी आ जाता है। पानी जैसा पदार्थ विषाणु संक्रमण के कारण होता है। पहले नाक से पतला पानी आता है फिर यह सफेद अथवा पीला और कभी-कभी हरा हो जाता है। जुखाम सिरदर्द के साथ ही आंखों के ठीक ऊपर भी दर्द होता है। इसके अतिरिक्त गालों में आसपास भी दर्द हो सकता है।संक्रमित साइनस की झिल्ली में सूजन होने के कारण बेचैनी, बुखार, सिर दर्द तथा सांस लेने में अत्यंत कठिनाई होती है। सिर में अत्यधिक दर्द होता है। आंखों में भारीपन रहता है। रोगी के गले के आसपास दर्द होता है। नाक से पानी जैसा स्राव निकलता रहता है। अगर साइनस संक्रमण तेजी से बढ़ता है तो यह एक्यूट साइनोसाइटिस चलाता है। गले में हर समय खरखड़ी होती रहती है। नाक का मांस अधिक बढ़ जाने पर रोगी को सांस लेनी में समस्या उत्पन्न हो जाती है।