Stye ! अंजनहारी । पलकों पर फुंसी, अंजनहारी होने के कारण,
बिलनी क्या है ? What is Bilini?
आंखों की पलकों के किनारे पर दाने या लाल रंग की एक या एक से अधिक फुंसियां हो सकती हैं जिन्हें गुहेरी, बिलिनी अंजनहारी या गुहाई कहते हैं। इनमें बहुत अधिक दर्द होता है।जिस कारण रोगी अपनी आंखें सही तरह से खोल नहीं पाता। अंजनहारी के कारण रोगी हर समय बेचैन रहता है। तीन-चार दिन के बाद पस पड़कर वह स्वयं फूट जाती हैं।
अंजनहारी के कारण :
- अगर रोगी को कब्ज की शिकायत है तो उसे अंजनहारी होने की पूरी संभावना रहती है।
- अधिकतर लोगों में स्टेफाइलोकोकस जीवाणु के संक्रमण से अंजनहारी निकलती है।
- अगर रोगी को एसिडिटी की शिकायत है तो उसे अंजनहारी हो सकती है।
- अगर रोगी लंबे समय से किसी पुराने रोग से ग्रसित है।
- आंखों में इंफेक्शन होने के कारण।
- दृष्टि कमजोर होने पर भी अंजनहारी निकल सकती है।
- विटामिन ए और विटामिन डी की कमी से भी अंजनहारी निकलती है।
- आंखों की साफ सफाई का ध्यान न रखने के कारण अंजनहारी हो जाती है।
- अस्वस्था के कारण भी गुहेरी निकल सकती है।
- दूषित जल से नेत्र धोने पर या गंदे हाथों के संपर्क से।
- खट्टे – मीठे, तेल, मिर्ची और अधिक मसालों के खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से।
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विशेषकर है स्टेफाइलो कोकाई द्वारा उत्पन्न होती है। अंजनहारी एक के बाद एक निकल सकती है। इससे रोगी को बहुत पीड़ा होती है क्योंकि गुहेरी पलकों के किनारे पर निकलती है इसलिए पलक खोलते बंद करते समय अधिक पीड़ा होती है।
लक्षण:
- पलकों में दर्द के रहता है।
- पलकों में भारीपन भी हो सकता है।
- रोगी को पलकों में गर्मी का एहसास होता है।
- पलकों पर सूजन आ जाती है।
- जहां लाली व सूजन होती है उस जगह छूने पर बहुत दर्द होता है।
- बहुत तेज दर्द और कठोरता इसका मुख्य लक्षण होता है।
- संक्रमण से नेत्र के पलकों में छोटी सी कील के बराबर सूजी हुई तथा लाल फुंसी निकलती है।
- रोगी को पलकों में अत्यधिक जलन होती है।
- फुंसी के शिखर पर पीला निशान दिखाई देता है।