Tribulus Terrestris Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi
Tribulus Terrestris Q की जानकारी लाभ और फायदे in hindi.
ट्रिबुलस टेरेस्ट्रिस Tribulus Terrestris Q
विभिन्न नाम-हि गोखरू, छोटा गोखरू ब. गोक्षुर गोखुरी, म. सराटे, क नेग्गिलुभुल्तु, गु न्हाना गोखरू, ते पल्लेरु मुल्लू, ता नेरिजिल पं. मखड़ा, फा. खारे खसक अ इसक, अं Small Caltrops (स्मॉल कैल्ट्रॉप्स) यह देश के सब प्रान्तो पायी जाने वाली प्रसर जाति की वनौषधि है। फिर भी अन्यकी अपेक्षा बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश पश्चिमोत्तर उत्तरप्रदेश, राजपूताना और मद्रास आदि में अधिक पायी जाती है।
यद्यपि आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति में इसका प्रमुख स्थान प्राचीनकाल से है। इसके अनेक योग अनेक नामों से मिलते हैं। लेकिन होमियोपैथिक चिकित्सा पद्धति में इसके चमत्कारिक गुणों को देखते हुए बाद में आकर स्थान मिला है। इसका मदर टिंक्चर्ज भी उपयोगी है।
इसका मुख्य उपयोग मूत्रकृच्छता, सुजाक, अश्मरी (पथरी) वस्ति रोग, वृक्क विकार, प्रमेह, स्वप्नदोष, नपुंसकता, वीर्यक्षीणता आदि में हो रहा है। पुरुषों के लिये यह महौषधि है। इसके सेवन से स्वप्नदोष धातु (शुक्र) का पतला होना, नामर्दी आदि रोग दूर हो जाते हैं। यह मूत्रकृच्छ्रता में भी प्रयोग होती है। सेवन करने के कुछ देर बाद पेशाब खुलकर आता है। जलन, कड़क आदि मिट जाते हैं। इस रोग में मदर टिक्चर को जल और कच्चे दूध में समभाग मिश्रित करके देना उचित है। यह वस्ति शोथ (Ovstilic) में भी लाभदायक है। जब पेशाब गंदला आये। नाभि के दायें या बायें या दोनों बगल (पार्श्व) में शूल हो तो समझे कि वृक्को (गुर्दों) में सूजन है या में कोई दोष हो गया है जिसके कारण पेशाब की स्वच्छता कम हो गयी है। ऐसी स्थिति में इसके सेवन से गुर्दे स्वस्थ हो जाते तथा पेशाब साफ आने लगता और कष्ट का निवारण हो जाता है। इसे अश्मरी (पथरी) नाशक औषधि के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। इस रोग में इसे बकरी के दूध में मिलाकर सेवन कराये। आशातीत लाभ होगा। यह बन्ध्या स्त्रियों के लिये कल्पौषधि है। इसके कुछ मास के सेवन से गर्भाशय निरोग (शुद्ध) हो जाता और उसमें गर्भ धारण की शक्ति पैदा हो जाती है। अत बन्ध्यत्व नष्ट करने के लिये भरोसे के साथ इसका प्रयोग करें।
मात्रा- 5 से 20 बूँदे प्रतिदिन 3-4 बार पानी में मिश्रित करके सेवन करायें।