अफारा क्या है? : लक्षण, कारण
अफारा क्या है? What is Flatulence ?
पेट और आंतों में वायु के कारण जो समस्या होती है। उसे अफारा कहा जाता है इसी तरह भोजन के पाचन के दौरान सामान्य तौर पर वायु बनती है लेकिन यह वायु बाहर नहीं निकलती या अधिक मात्रा में बनती है तो आंतों और पेट में फुलाव आ जाता है।
अफारा के कारण:
- जो व्यक्ति एक ही स्थान पर लंबे समय तक बैठते हैं उन्हें यह समस्या हो सकती है।
- जो व्यक्ति शारीरिक परिश्रम नहीं करते उन्हें भी यह समस्या हो जाती है।
- व्यायाम न करने के कारण भी पेट में अफारा हो जाता है।
- जो व्यक्ति अधिक ठंडी वस्तुओं का प्रयोग करते हैं अर्थात खाने पीने में अधिक ठंडी वस्तुओं का उपयोग करते हैं उन्हें यह रोग विशेषकर होता है।

- ऐसे व्यक्ति कॉफी और चाय का अधिक सेवन करते हैं, उन्हें पेट में अफारा होने की समस्या अक्सर बनी रहती है।
- अगर पेट और आंतों में कोई समस्या हो तो खाने के डाइजेशन में समस्या उत्पन्न हो जाती है।
- अत्यधिक गर्म वस्तुओं का प्रयोग करना।
- ऐसे व्यक्ति जो मसालेदार वस्तुओं का अधिक प्रयोग करते हैं उन्हें यह रोग हो जाता है।
- जल्दी नहीं पचने वाले पदार्थों का अत्यधिक सेवन।
- खट्टे, मिठे, चटपटे, पदार्थों का अत्यधिक प्रयोग करना।
- पेट में आँव पड़ जाना।
- पेट में कीड़े होना भी इस समस्या का एक मुख्य कारण है।
पेचिश, गठिया, मलेरिया, ब्लड इंफेक्शन मानसिक तनाव, छोटे जोड़ों के रोग, टाइफाइड बुखार आदि रोग अफारा पैदा कर रहे हैं। गलत रहन-सहन के कारण भी पेट में अफारा हो जाता है।
अफारा के लक्षण – symptoms of Flatulence.
पेट फूलने के कारण रोगी को बेचैनी, भूख न लगना, सांस फूलना, सांस लेने में कठिनाई, पैरों में दर्द, सिरदर्द, अनिद्रा, मानसिक तनाव, कब्ज, जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। रोगी जो कुछ भी खाता है के खाने के कुछ ही देर बाद पेट में भारीपन और पेट फूल जाना की शिकायत होती है। बेचैनी होती है कि सांस फूलने लगती है, कभी-कभी पेट, कमर दर्द, सिर दर्द और छाती में बहुत तेज दर्द का अनुभव होता है।]
फेफड़ों पर वायु का दबाव पढ़ने की वजह से ऐसा प्रतीत होता है, जैसे सांस घुट रही हो। रोगी को सांस लेने में समस्या उत्पन्न होती है। जब इस वायु का प्रभाव ह्रदय पर पड़ता है तब रोगी में बेचैनी और घबराहट होती है। और ऐसा लगता है जैसे कोई भारी चीज रखी हो। गैस के कारण छाती में जलन होती है। यह दूषित वायु मस्तिष्क तक पहुंच जाता है। तब रोगी में सिर दर्द, चक्कर, जी मिचलाना, उल्टी भी आ सकती है, मानसिक तनाव, किसी काम में मन न लगना, सिर में भारीपन, आदि लक्षण प्रकट हो जाते हैं।
यदि अफारा का रोग एसिडिटी के कारण हुआ हो तो ऐसी स्थिति में रोगी को बार-बार खट्टी डकार आने लगती हैं। रोगी बेचैन रहता है। ऐसे में पेट और छाती में जलन होती है। रोगी में दिल की धड़क तीव्र हो जाते हैं। मुंह में पानी भर आता है। रोगी को पसीना आता है।
- अफारे के कारण रोगी हर समय व्याकुल और बेचैन रहता है।
- रोगी के पेट में दर्द होता है।
- गैस के ऊपर चढ़ने से छाती में घबराहट और बेचैनी होती है।
- रोगी को कब्ज की शिकायत रहती है।
- रोगी के चेहरे पर सूजन आ जाती है और चेहरा पीला दिखता है।
- रोगी को उल्टी और बार-बार खट्टी डकारे आती हैं।
- रोगी को भूख नहीं लगती है जिसके कारण अत्यधिक कमजोरी आ जाती है।
- रोगी का सांस फूलता है और सांस लेने में कठिनाई होती है।
- रोगी को अनिद्रा की शिकायत बनी रहती है।
- यह बीमारी ज्यादातर कब्ज के साथ होती है इसकी यह प्रमुख पहचान है।