what is Malaria? : मलेरिया का मनुष्य पर प्रभाव
मलेरिया क्या है ? – what is Malaria ?
यह एक ऐसा बुखार है जो एक दिन, दो दिन छोड़कर या प्रतिदिन भी आ सकता है। यह बुखार ठंड के साथ आता है। मलेरिया एक इटालियन भाषा का शब्द है । इस भाषा में ‘ मेला ‘ शब्द का अर्थ है खराब और ‘ एरिया ‘ शब्द का अर्थ है हवा अर्थात् ,खराब हवा के द्वारा मलेरिया का जो बुखार उत्पन्न होता है , उसी को मलेरिया कहते हैं। जीवाणु एनोफिलिस जाति के मच्छरों द्वारा एक मनुष्य के शरीर से दूसरे के शरीर में पहुंचाये जाते हैं । ये जीवाणु शरीर के खून के कणों पर आक्रमण करके उन्हें नष्ट करते हैं
मलेरिया कैसे होता है ? – (How is Malaria ? )
मलेरिया उत्पन्न करने वाले वायरस चार प्रकार के होते हैं – 1 – फाल्सीपेरम(plasmodium Falciparum )2 – बाइवेक्स(plasmodium vivax) 3 – मलेरी ( plasmodium malariae) 4 – ओवले (Ovale ). इसमें फाल्सीपेरम सबसे अधिक खतरनाक है।
मलेरिया का रोग मादा एनाफिलिस मच्छर के काटने से होता है। यह वायरस डंक के जरिए मनुष्य के खून में पहुंच जाते हैं।खून से यह लीवर के कोशिकाओं में पहुंच जाते हैं, लीवर में रहकर मलेरिया के वायरस अपनी वृद्धि कहते हैं उसके पश्चात ब्लड में चले जाते हैं जिस कारण रोगी को खून की कमी भी हो सकती है।
मलेरिया का मनुष्य पर प्रभाव :
मलेरिया के बुखार में प्लीहा और लीवर बढ़ जाते हैं। शरीर का खून कम हो जाता है। जिस कारण आंखें और चेहरा सफेद हो जाते हैं,बुखार ठंड के साथ आता है और रोगी को बहुत पसीना आता है बहुत से आदमी मलेरिया के इलाकों में रहते हैं , पर उन्हें मलेरिया नहीं होता । मलेरिया का असली कारण इस शब्द के भीतर ही छिपा हुआ है । कुछ दिनों तक बदबू और जहरीली हवा के लगने के कारण जब खून कमजोर पड़ जाता है और शरीर के भीतर बहुत से विषैले द्रव्य जमा हो जाते हैं , तभी मलेरिया के वायरस शरीर के ऊपर अपना असर बढ़ाने में कामयाब होते हैं ।
मलेरिया कब होता है –
मलेरिया गरम देशों का रोग है । मामूली तौर से वर्षा होने पर जमीन से जो गैस निकलती है , सांस के साथ शरीर के भीतर जाकर खुन को जहरीला बना देती है । मलेरिया के वायरस शरीर का अनिष्ट कर सकते हैं । मलेरिया के रोगी को हमेशा बुखार नहीं रहता । परन्तु अधिक गर्म या ठण्डी हवा के झोके लेना और दूसरे रोगों के हमले के समय भी मलेरिया के वायरस शरीर के भीतर अपना प्रभाव बढ़ाते हैं और तब रोगी को बुखार होने लगता है । आखीर में इसी से सिद्ध होता है कि मलेरिया का वायरस तभी शरीर में बढ़ सकता है जब शरीर दुर्बल हो जाता है , जिससे मलेरिया के वायरस उन पर आसानी से आक्रमण करते हैं ।
मलेरिया के वायरस के कारण ही बुखार होता है। ये वायरस शरीर में जो विष पैदा करते हैं , उसको खत्म करने के लिये प्रकृति बुखार पैदा करती है । विभिन्न जाति के मच्छरों के काटने केकारण विभिन्न लोगों में यह रोग विभिन्न तरीके से आता है।
दिमागी मलेरिया : ( Falciparum Malaria)
दिमागी मलेरिया का बुखार अचानक तेज सर्दी के साथ आता है।कुछ ही समय में बुखार 107 डिग्री तक पहुंच जाता है इस दौरान रोगी को सिर में बहुत तेज दर्द होता है। उस रोगियों को दस्त भी आने लगते हैं। जिस कारण रोगी का पेशाब भी बंद हो सकता है। बुखार इतनी तेज आता है कि रोगी बेहोश हो जाता है बेहोशी की हालत में रोगी बड़बड़ाने लगता है।